I am raw html block.
Click edit button to change this html

हमारे बारे में

अनंत जीवन जागरूकता पैदा करना चाहता है और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जुड़े अंधविश्वासों को तोड़ने की कोशिश करना चाहता है।
हम उन लोगों के साथ भी यात्रा करना चाहेंगे जो इन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और उन्हें परामर्श और आवश्यक सहायता के साथ मदद कर रहे हैं।
हम एक संवेदनशील समाज बनाने की सोच रखते हैं जो इन मुद्दों के प्रति सहानुभूति और समझ रखता हो।
हमारा दर्शन लोगों को तंदरुस्त सेहत और स्वस्थ दिमाग वाले देखना है।
हमारा लक्ष्य हमारे समाज में सकारात्मक और स्थायी परिवर्तन लाने के लिए अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करना है।


“Offering hope and life in its fullness to people with mental health issues”

WHO के अनुमान के अनुसार करीब ७.५ प्रतिशत भारतीय मानसिक तनहाव से जूझते है। हर छह में से एक बच्चा एवं युवा जिनका उम्र १० से १९ वर्ष के बीच है वह मानसिक निराशा से जूझ रहे है, जो ८६ करोड़ किशोरों जिनका उम्र १५ से १९ और ८० करोड़ १० से १४ वर्ष के बीच में है जो मानसिक विकार को दर्शाता है।

चिंता और निराशा इन जाने पहचाने मानसिक विकारों का लगभग 40% हैं अन्य विकारों में ध्यान की कमी, अति सक्रियता विकार, आचरण विकार, बौद्धिक अक्षमता, द्विध्रुवी विकार, आत्मकेंद्रित, सिज़ोफ्रेनिया व्यक्तित्व विकार का एक समूह शामिल हैं।

COVID-19 से पहले भी, अलग-अलग गंभीर मानसिक विकारों ने सात भारतीयों में से एक को प्रभावित किया था। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरी एंड रिस्क फैक्टर स्टडी (2017) के अनुसार, यह देश में मानसिक विकार वाले लगभग 200 मिलियन या 20 करोड़ लोगों को जोड़ता है।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NMHS) के अनुसार, मानसिक विकारों से पीड़ित लगभग 80% लोगों को वर्षों से इलाज नहीं मिला है।

"जब तक आप चाहें, अपना समय ठीक होने के लिए लिजिए।

कोई और नहीं जानता कि आप किस दौर से गुजरे हैं। वे कैसे जान सकते हैं कि आपको ठीक होने में कितना समय लगेगा?”
— एबर्टोली

क्या हमारी मदद चाहिए?